स्वीकार का जादू - तुरंत ख़ुशी कैसे पायें
हर इंसान असली खुशी की तलाश में भटक रहा है। असली खुशी न पाकर, वह उसे धन-दौलत मान-सम्मान पद प्रतिष्ठा, नाम-शोहरत, सुख-सुविधा, मनोरंजन इत्यादि में ढूँढ़ता रहता है। तो क्या इंसान को उपरोक्त बातों से खुशी मिल प ाती है? नहीं ! असली खुशी तो वास्तव में इंसान से कोसों दूर है। उसे पता ही नहीं है कि असली खुशी किसे कहा गया है। प्रस्तुत एप्लीकेशन में सरश्री हमारा हाथ थामकर, हमें असली खुशी की यात्रा पर ले चलते हैं तथा इस विषय पर मार्ग दशन देते हैं। वे बाते हैंकि स्वीकार सुख है और अस्वीकार दुःख का कारण बनता है इसलिए पहले जो जैसा है उसे वैसा स्वीकार करना है। स्वीकार करने के बाद ही इंसान नकली खुशी के बजाय असली आनंद प्राप्त करने के लक्ष ्य को प्राप्त कर सकता है। इस एप्लीकेशन में सात प्रकार की खुशियों के बारे में बताया गया है।
- पहली प्रकार की खुशी यानी झूठी खुशी है उदा. कोई इंसान बस से कहीं जा रहा है और टिक जा रहा है और टिकट खरीदने से पहले ही उसका स्टॉप आने पर वह उतर जाता है। उसके टिकट के पैसे बच गए वह यह सोचकर खुश हो रहा है। हालॉंकि उस वक्त उसे इस बात का आनंद आ रहा है। मगर उसे नहीं पता कि इस तरह के झूठे आनंद की वजह से जो पैसे उसके पास बच गए उससे उस इंसान के पास आगे आनेवाले हजारों, लाखों रुपए रुक सकते हैं|
- दूसरे प्रकार की खुशी सेकण्ड हॅन्ड खुशी इसमें इंसान सामनेवाले को चिढ़ाकर सताकर आनंद लेता है। किसी का मजाक उड़ाकर मन में गुदगुदी होती है तो अच्छा लगता है।
- तीसरे प्रकार की खुशी उत्तेजनावाली खुशी है, जो उत्तेजना से प्राप्त होती है।जैसे नए साल की पार्टी में जाना, शोर-शराबेवाला रॉक संगीत सुनना। वह इस तरह उत्तेजनावाला आनंद प्राप्त करना।
- चौथे प्रकार की खुशी यानी फॉर्मूलावाली खुशी जैसे संडे + टी.वी या छुट्टी का दिन+पिकनिक = आनंद
- पॉंचवीं प्रकार की खुशी है सेवा से मिलनेवाली खुशी। कुछ लोग अपने कार्यों से समय निकालकर बूढ़ों की, बीमारों, महिलाओं, बच्चों की सेवा का कार्य करते हैं।
- छटे प्रकार की खुशी है ईश्वर की दिव्य भक्ति करने के बाद मिलनेवाली खुशी।
- सातवें प्रकार की खुशी यानी आत्मसाक्षात्कार के बाद प्राप्त होनेवाली खुशी। इंसान के पृथ्वी लक्ष्य (इंसान ने जिस कारण इस पृथ्वी पर जन्म लिया तथा अपना लक्ष्य प्राप्त किया) को पा लेने के बाद उच्चतम आनंद प्राप्त होता है।
Mengenai Pengarang
Pengenalan Sirshree Usaha rohani Sirshree, yang bermula semasa zaman kanak-kanaknya, membawanya dalam perjalanan melalui pelbagai sekolah amalan pemikiran dan meditasi. Keinginan berlebihan untuk mencapai kebenaran membuatkan beliau melepaskan kerja pengajarannya. Selepas tempoh penghinaan yang panjang, usaha rohaninya berakhir dengan pencapaian kebenaran muktamad. Sirshree berkata, "Semua laluan yang membawa kepada kebenaran bermula secara berbeza, tetapi berakhir dengan cara yang sama & mdash;dengan pemahaman. Memahami adalah keseluruhan perkara. Mendengar fahaman ini sudah cukup untuk mencapai kebenaran."
Untuk menyebarkan fahaman ini, Sirshree merangka Tejgyan—sistem yang unik untuk kebijaksanaan—yang membantu seseorang untuk maju daripada bantuan diri kepada kesedaran diri.
Beliau telah menyampaikan lebih daripada seribu wacana dan ditulis lebih daripada lima puluh buku. Buku-buku beliau telah diterjemahkan dalam lebih daripada sepuluh bahasa dan diterbitkan oleh penerbit terkemuka seperti Buku Penguin, Penerbit Hay House, Buku Jaico, dan sebagainya. Pengunduran Sirshree telah mengubah kehidupan berjuta-juta dan ajarannya telah memberi inspirasi kepada pelbagai inisiatif sosial untuk meningkatkan kesedaran global.
sejarah versi
- Versi 2.0 diposkan pada 2016-04-29
Butiran Atur Cara
- Kategori: Pendidikan > Alat rujukan
- Penerbit: WOW Publishings Pvt. Ltd.
- Lesen: Percuma
- Harga: N/A
- Versi: 2.0
- Platform: android